Ranya Rao: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में सामने आए गोल्ड स्मगलिंग केस ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग ऐंगल से जांच शुरू कर दी है। पहले से ही डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) इसकी जांच कर रहे थे, लेकिन ईडी के शामिल होने से इस केस का दायरा और बढ़ गया है।

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इस हाई-प्रोफाइल केस में कन्नड़ अभिनेत्री Ranya Rao का नाम प्रमुख रूप से सामने आया है। उनके पास से ₹12.56 करोड़ का 14.2 किलोग्राम सोना जब्त किया गया था। इसके अलावा, इस मामले में एक अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क और कई सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत के भी संकेत मिल रहे हैं।
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 13 मार्च (गुरुवार) को बेंगलुरु में 8 ठिकानों पर छापेमारी की। इनमें प्रमुख रूप से Ranya Rao का लैवेल रोड स्थित घर शामिल था। अधिकारियों ने सुबह से लेकर देर शाम तक सर्च ऑपरेशन चलाया और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और बैंक डिटेल्स जब्त किए।
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत यह केस दर्ज किया है। यह जांच CBI की FIR और DRI की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस तस्करी सिंडिकेट में कई बड़े नाम शामिल हो सकते हैं और हवाला के जरिए विदेशों में बड़ी मात्रा में पैसा भेजा जा रहा था।
Ranya Rao: गोल्ड स्मगलिंग का पूरा मामला क्या है?
बेंगलुरु एयरपोर्ट से हुई थी पहली गिरफ्तारी
3 मार्च 2025 को, कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री रान्या राव को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय हिरासत में लिया गया जब वह दुबई से भारत लौट रही थीं।
डीआरआई के अधिकारियों ने उनके सामान की तलाशी ली, जिसमें 14.2 किलोग्राम विदेशी सोना पाया गया। सोने को बिस्किट और ज्वेलरी के रूप में छिपाकर लाया गया था। इसकी कुल कीमत ₹12.56 करोड़ आंकी गई।
मुंबई एयरपोर्ट पर हुई दूसरी बड़ी कार्रवाई
6 मार्च 2025 को, मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो विदेशी नागरिकों को 21.28 किलोग्राम सोना तस्करी करते हुए पकड़ा गया।
DRI अधिकारियों को शक है कि दोनों घटनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं और भारत में एक संगठित सोना तस्करी सिंडिकेट सक्रिय है।
क्या सरकारी अधिकारी भी इस तस्करी में शामिल हैं?
जांच एजेंसियों ने पाया कि Ranya Rao के सौतेले पिता डीजीपी के. रामचंद्र राव का नाम इस मामले से जुड़ रहा है। वह कर्नाटक पुलिस में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं।
Ranya Rao: VIP ट्रीटमेंट और पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर तैनात हेड कॉन्स्टेबल बसप्पा बिल्लूर (बसवराज) ने स्वीकार किया कि उन्होंने रान्या राव को कई बार सुरक्षा जांच से बचाकर वीआईपी प्रोटोकॉल दिया था।
उन्होंने बताया कि उन्हें डीजीपी रामचंद्र राव के निर्देश पर यह काम करना पड़ता था। इसका मतलब है कि यह केवल एक तस्करी मामला नहीं बल्कि अधिकारियों की मिलीभगत से संचालित एक बड़ा रैकेट है।
राजनीतिक विवाद और विपक्ष के आरोप
इस मामले ने कर्नाटक की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
CID जांच को क्यों रोका गया?
कर्नाटक सरकार ने इस केस की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरव गुप्ता को जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन इसके 24 घंटे के भीतर ही CID की जांच को अचानक रोक दिया गया।
भाजपा नेता एस. आर. विष्णवनाथ ने कहा,
“सरकार बड़े नामों को बचाने की कोशिश कर रही है। लेकिन CBI, ED और IT विभाग की जांच जारी है और सच्चाई जल्द सामने आएगी।”
वहीं, कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने सफाई देते हुए कहा,
“मुख्यमंत्री ने डीपीएआर विभाग से जांच कराने का आदेश दिया था, इसलिए दो समानांतर जांचों की जरूरत नहीं थी।”
Ranya Rao का बचाव और DRI के सवाल
DRI की पूछताछ में Ranya Rao ने खुद को निर्दोष बताया।
- उन्होंने कहा कि उन्हें अनजान नंबरों से कॉल आते थे और किसी ने उन्हें तस्करी करने के लिए मजबूर किया।
- उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने यूट्यूब वीडियो देखकर सोना छुपाने के तरीके सीखे।
- DRI अधिकारियों को शक है कि वह पूरी सच्चाई नहीं बता रही हैं।
अधिकारी सवाल कर रहे हैं:
“अगर उन्हें धमकी दी गई थी, तो उन्होंने अपने सौतेले पिता डीजीपी राव या पुलिस से मदद क्यों नहीं मांगी?”
अगले कदम: केंद्रीय एजेंसियां गहराई से जांच कर रही हैं
इस मामले की जांच अब तीन प्रमुख एजेंसियां कर रही हैं:
- DRI – तस्करी के पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है।
- CBI – अंतरराष्ट्रीय हवाला लिंक और सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता की जांच कर रही है।
- ED – मनी लॉन्ड्रिंग ऐंगल को खंगाल रही है।

निष्कर्ष: क्या सामने आ सकते हैं बड़े नाम?
यह मामला सिर्फ सोना तस्करी का नहीं है, बल्कि इसमें हवाला नेटवर्क, सरकारी अधिकारियों की भूमिका और VIP प्रोटोकॉल के दुरुपयोग के संकेत मिल रहे हैं।
आने वाले दिनों में CBI, ED और DRI की जांच से कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं और हो सकता है कि यह मामला कर्नाटक सरकार के लिए एक बड़ा संकट बन जाए।