IndusInd Bank Share Price: ₹1,500 करोड़ की शुद्ध संपत्ति में गिरावट की रिपोर्ट के बाद 20% निचले सर्किट पर पहुंचा, 52-सप्ताह के निचले स्तर पर।

मंगलवार, 11 मार्च 2025 को IndusInd Bank के शेयरों में 20% की भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह BSE पर ₹720.50 के 52-सप्ताह के निचले स्तर तक पहुंच गया। यह गिरावट उस समय आई जब बैंक ने घोषणा की कि उसके डेरिवेटिव ट्रेड में अनियमितताओं के कारण बैंक की शुद्ध संपत्ति (Net Worth) में 2.35% की गिरावट आएगी।

IndusInd Bank Share Price

IndusInd Bank के शेयरों में गिरावट क्यों आई?

IndusInd Bank के शेयरों में आई इस तेज गिरावट के पीछे कई कारण हैं:

  1. डेरिवेटिव ट्रेडिंग में अनियमितताएँ – बैंक के कुछ पुराने डेरिवेटिव ट्रेड 5-7 साल पहले किए गए थे, जो अब RBI के नियमों के अनुसार अनियमित पाए गए हैं।
  2. RBI के नए नियम – अप्रैल 2024 से लागू नए नियमों के कारण इन डेरिवेटिव ट्रेडों की समीक्षा की गई, जिससे बैंक को अपनी संपत्ति में गिरावट की जानकारी देनी पड़ी।
  3. Q4FY25 में वित्तीय प्रभाव – इस नुकसान को बैंक अपनी नॉन-इंटरेस्ट इनकम (NII) से कवर करेगा, जिससे इसका असर वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के नतीजों पर पड़ेगा।
  4. CFO का इस्तीफा – हाल ही में IndusInd Bank के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) ने इस्तीफा दे दिया, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।
  5. CEO का छोटा कार्यकाल – बैंक के मौजूदा सीईओ सुमंत कथपालिया को केवल 1 साल का कार्यकाल दिया गया है, जबकि आमतौर पर 3 साल का एक्सटेंशन मिलता है। इससे बैंक के नेतृत्व को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है।

विश्लेषकों और ब्रोकरेज फर्मों की राय

Emkay Global

  • रेटिंग: ‘Add’ (पहले ‘Buy’)
  • नया टारगेट प्राइस: ₹875 (पहले ₹1,125)
  • वैल्यूएशन: पहले 1.2x FY27E ABV, अब 1x
  • सिफारिश: निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि बैंक की भविष्य की कमाई पर स्पष्टता नहीं है।

UBS

  • रेटिंग: ‘Sell’ (पहले ‘Neutral’)
  • नया टारगेट प्राइस: ₹850 (पहले ₹1,070)
  • मुख्य चिंता: CEO के छोटे कार्यकाल के कारण बैंक की भविष्य की रणनीति अस्पष्ट हो गई है।
  • FY26-FY27 के लिए EPS अनुमान में 10.5% की कटौती।

BofA Securities

  • रेटिंग: ‘Underperform’ (पहले ‘Buy’)
  • नया टारगेट प्राइस: ₹850 (पहले ₹1,250)
  • मुख्य चिंता: बैंक के प्रबंधन और रणनीतिक निर्णयों को लेकर 12-18 महीनों तक अनिश्चितता रह सकती है।

Jefferies

  • रेटिंग: ‘Buy’
  • नया टारगेट प्राइस: ₹1,080 (पहले ₹1,200)
  • मुख्य चिंता: CEO का एक साल का कार्यकाल बैंक के लिए चिंता का विषय हो सकता है, लेकिन वैल्यूएशन आकर्षक बना हुआ है।

Citi

  • रेटिंग: ‘Buy’
  • नया टारगेट प्राइस: ₹1,375
  • मुख्य सवाल: “Who’s Next?” और “What’s Next?” बैंक की भविष्य की रणनीति को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

तकनीकी विश्लेषण: आगे क्या?

IndusInd Bank के शेयरों ने अपने महत्वपूर्ण सपोर्ट स्तर ₹923 को तोड़ दिया है और ₹740 के स्तर पर पहुंच गया है। यदि यह स्तर भी टूटता है, तो अगले कुछ सत्रों में यह ₹551.45 तक गिर सकता है।

  • सपोर्ट लेवल: ₹740 और ₹551.45
  • रेसिस्टेंस लेवल: ₹810 और ₹875
  • EMA (Exponential Moving Average): डेली और वीकली 10, 20, और 50 EMA नकारात्मक संकेत दे रहे हैं।

विश्लेषकों की राय:

  • ₹740 के स्तर पर कड़ी निगरानी बनाए रखें।
  • यदि यह स्तर नहीं टूटता है, तो अल्पकालिक उछाल संभव है।
  • यदि यह स्तर भी टूट जाता है, तो ₹551.45 तक गिरावट आ सकती है।

निवेशकों के लिए सुझाव

  1. शॉर्ट-टर्म निवेशक: मौजूदा गिरावट को देखते हुए ट्रेडिंग से बचें और ₹740 के स्तर पर ध्यान दें।
  2. लॉन्ग-टर्म निवेशक: बैंक की भविष्य की रणनीति और नए CEO की नियुक्ति पर स्पष्टता आने तक निवेश से बचें।
  3. जो निवेश कर चुके हैं: यदि ₹740 का स्तर टूटता है, तो स्टॉप लॉस पर विचार करें।

IndusInd Bank की मौजूदा स्थिति और भविष्य की संभावनाएँ

IndusInd Bank की वर्तमान स्थिति निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। बैंक की संपत्ति और कमाई पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अगर बैंक इस संकट से अच्छी तरह उबर जाता है, तो दीर्घकालिक निवेशकों को मुनाफा हो सकता है।

RBI की भूमिका

भारतीय रिज़र्व बैंक इस मामले की समीक्षा कर सकता है और आगे कोई कड़ा कदम उठा सकता है।

बैंक का प्रबंधन

CEO के अल्पकालिक कार्यकाल के बाद नए नेतृत्व को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

लॉन्ग-टर्म ग्रोथ

अगर बैंक अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने में सक्षम होता है, तो शेयर की कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं।

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निष्कर्ष

IndusInd Bank के शेयरों में गिरावट मुख्य रूप से डेरिवेटिव ट्रेडिंग में अनियमितताओं, CFO के इस्तीफे और CEO के छोटे कार्यकाल के कारण हुई है। विश्लेषकों का मानना है कि जब तक बैंक की प्रबंधन स्थिति स्पष्ट नहीं होती, तब तक स्टॉक में ज्यादा उछाल की संभावना नहीं है। अल्पकालिक निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, जबकि लॉन्ग-टर्म निवेशकों को नए विकास का इंतजार करना चाहिए।

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