Delhi CM Rekha Gupta: छात्रों को परेशान करने का कोई अधिकार नहीं, कार्रवाई की जाएगी।

Delhi CM Rekha Gupta दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि के खिलाफ अभिभावकों के गुस्से ने अब राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल पैदा कर दी है। कई माता-पिता ने आरोप लगाया है कि कुछ नामी स्कूल न केवल भारी-भरकम फीस वसूल रहे हैं, बल्कि बच्चों को डराने और प्रताड़ित करने तक का सहारा ले रहे हैं। इन आरोपों पर गंभीर रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कड़े कदम उठाने की घोषणा की है।

Delhi CM Rekha Gupta

इस बीच आप संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे को लेकर BJP पर जोरदार हमला बोला है और इसे “शिक्षा माफिया” के पुनरुत्थान की संज्ञा दी है।


मुख्य बिंदु | Delhi CM Rekha Gupta

  • ड्वारका के एक निजी स्कूल पर “लाइब्रेरी अरेस्ट” का आरोप।
  • सीएम रेखा गुप्ता ने दोषी स्कूलों को नोटिस भेजने के आदेश दिए।
  • शिक्षा मंत्री ने 18 बिंदु जांच फार्म के साथ निरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की।
  • शिकायत दर्ज कराने के लिए ईमेल आईडी जारी।
  • अरविंद केजरीवाल ने BJP पर लगाया शिक्षा माफिया को संरक्षण देने का आरोप।

क्या है पूरा मामला? | Delhi CM Rekha Gupta

हाल ही में दिल्ली के ड्वारका इलाके में स्थित एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल के खिलाफ अभिभावकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। आरोप है कि स्कूल ने मार्च 2025 में फीस में अचानक भारी वृद्धि की और कई छात्रों को स्कूल लाइब्रेरी में बंद रखा गया।

“लाइब्रेरी अरेस्ट” का चौंकाने वाला मामला

एक अभिभावक ने दावा किया कि:

“20 मार्च से हमारे बच्चों को स्कूल की लाइब्रेरी में जबरन बिठाया जा रहा है। ना उन्हें कक्षा में जाने दिया जा रहा है, ना ही खेल-कूद में भाग लेने दिया जा रहा है। यह मानसिक उत्पीड़न है।”

इस घटना को “लाइब्रेरी अरेस्ट” नाम दिया गया है और यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।


रेखा गुप्ता की सख्त चेतावनी: “स्कूलों को नहीं दी जाएगी छूट”

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार को लगातार अभिभावकों से शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया:

“कोई भी स्कूल अभिभावकों और बच्चों को डराने-धमकाने का अधिकार नहीं रखता। फीस बढ़ाने के भी नियम होते हैं। यदि कोई स्कूल नियमों की अवहेलना करता है, तो उसे सख्त परिणाम भुगतने होंगे।”

उन्होंने यह भी घोषणा की कि जिन स्कूलों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं, उन्हें तत्काल नोटिस जारी किया जा रहा है।


शिक्षा मंत्री का ऐलान: हर स्कूल की होगी जांच

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने सभी जिलों के SDM को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र के निजी स्कूलों की जांच करें।

18 बिंदुओं वाली जांच फार्म

निरीक्षण प्रक्रिया के तहत स्कूलों से एक 18-बिंदु प्रश्नावली का उत्तर देने को कहा गया है, जिसमें शामिल हैं:

  • फीस वृद्धि की प्रक्रिया
  • फीस बढ़ाने की तिथि और प्रतिशत
  • पेरेंट्स असोसिएशन की अनुमति
  • सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति
  • छात्रों के खिलाफ की गई कार्रवाई आदि।

इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निजी स्कूल किसी भी प्रकार की मनमानी न कर सकें


विशेष समिति का गठन

शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि एक विशेष समिति बनाई गई है, जिसमें शामिल हैं:

  • उप निदेशक (शिक्षा)
  • निदेशक (लेखा विभाग)

यह समिति पूरे मामले की पारदर्शी जांच करेगी और 15 दिनों के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।


शिकायतों के लिए ईमेल ID जारी

दिल्ली सरकार ने अभिभावकों के लिए एक आधिकारिक ईमेल आईडी जारी की है, जहां वे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं:

📧 Email ID: complaint.schoolfees@edudel.nic.in
(शिकायत करते समय छात्र का नाम, स्कूल का नाम, फीस रसीद और अन्य साक्ष्य संलग्न करें।)


अरविंद केजरीवाल का BJP पर बड़ा हमला Delhi CM Rekha Gupta

आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और BJP को आड़े हाथों लेते हुए कहा:

“दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था फिर से शिक्षा माफिया के हाथों में जाती नजर आ रही है। कैसे किसी की हिम्मत हुई बच्चों को प्रताड़ित करने की? इसका मतलब साफ है — नेता और मंत्री एक बार फिर माफियाओं की जेब में हैं।”

उन्होंने BJP के गुजरात मॉडल पर भी तंज कसते हुए कहा:

“BJP देश को अशिक्षित बनाना चाहती है। उनका सपना है कि आम जनता पढ़-लिख न सके, ताकि वह सवाल न पूछ सके।”


फीस वृद्धि पर कानून क्या कहता है? | Delhi CM Rekha Gupta

दिल्ली शिक्षा अधिनियम और शिक्षा निदेशालय के अनुसार:

  • कोई भी स्कूल बिना शिक्षा निदेशालय (DOE) की अनुमति के फीस नहीं बढ़ा सकता।
  • फीस बढ़ाने से पहले माता-पिता की समिति (PTA) से सहमति जरूरी है।
  • फीस की पूरी ब्रेकडाउन रिपोर्ट सरकार को देनी होती है।
  • यदि नियमों का उल्लंघन होता है, तो मान्यता रद्द की जा सकती है या दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

बच्चों की मानसिक स्थिति पर असर

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती हैं।
बच्चों को कक्षा से अलग करना, उन पर दबाव बनाना, और उनकी शिक्षा बाधित करना शैक्षणिक अपराध की श्रेणी में आता है।


अभिभावकों की मांगें

अभिभावक संगठनों ने दिल्ली सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:

  • मनमानी फीस वृद्धि पर तत्काल रोक।
  • दोषी स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई।
  • फीस संरचना की सार्वजनिक निगरानी।
  • बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा।

निष्कर्ष | Delhi CM Rekha Gupta

दिल्ली में शिक्षा का यह ताजा विवाद एक बार फिर यह प्रश्न उठाता है कि क्या शिक्षा अब सेवा न होकर व्यवसाय बन चुकी है?
रेखा गुप्ता और आशीष सूद की कार्रवाइयों से उम्मीद जगी है कि सरकार अब निजी स्कूलों की निरंकुशता पर लगाम लगाएगी। वहीं अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक प्रतिक्रिया ने इस मुद्दे को और भी गरमा दिया है।

सरकार, अभिभावक और समाज — सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि शिक्षा बच्चों का अधिकार है, न कि किसी मुनाफाखोर संस्था का धंधा।

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